shani prabhakar rajak

shani prabhakar rajak
shani prabhakar rajak

Thursday, February 9, 2012






तस्वीर 

तेरे नाम की सांसे दिल में यूँ उतर जाती हैं ,
जैसे हो कोई नशा कि नस नस में समा जाती है .
जब होता है जहाँ में जिक्र मोहब्बत का , 
हर वक्त तू मोहब्बत कि तस्वीर नजर आती है .

 जख्म 

चेहरे कि हँसी तो सबने देखी,
पर दिल का दर्द कोई समझ न पाया .
समुन्दर कि लहरों जितने जख्म है दिल पर ,
वक्त  का मरहम भी इन  जख्मो  को  भर  न  पाया . 


Monday, November 28, 2011


युवा शायर शनि  प्रभाकर की  शायरी
हिंदी वेब मग्जिन नव्या में प्रकाशित
रचना पढने हेतु यहाँ क्लीक करे

http://www.nawya.in/home/item/%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A4%A4-%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B8.html